आदिवसीयत को समेटे प्रसिद्ध जगह बैगाचक नाम से है प्रसिद्ध
जोहार दोस्तों मैं अर्चना सिंह मार्को
आप सब कैसे हैं आशा करती हूं कि आप सब अच्छे होंगे। दोस्तों आप सबका स्वागत है मेरे इस नए ब्लॉग में
दोस्तों आज हम बात करेंगे एक ऐसे जगह के बारे में जो सिर्फ आदिवासी आस्तित्व के लिए कितना अहम है,
तो दोस्तों आज हम बात करेंगे बैगाचक के नाम से सुप्रसिद्ध जगह चाड़ा के बारे में दोस्तों चाड़ा ग्राम डिंडोरी मध्य प्रदेश ( Dindori Madhya Pradesh) जिले में बसा एक आदिवासी ( Adivasi) बहुल गांव है जहां की बहुल आबादी बैगा जाति के लोगों की है।
क्यों प्रसिद्ध है यह जगह
दोस्तों चाड़ा की शत प्रतिशत आबादी बैगा ( baiga) जनजातियों की थी और यहां बहुतायत में बैगा आदिवासी जनजाति आज भी रहती है। लेकिन इस जगह की प्रसिद्धि और व्यापार के संभावनाओं के कारण अन्य जाति के लोग यहां आकर बस रहे हैं, लेकिन बैगा जनजाति के बहुलता के लिए इस जगह का नाम बैगाचक के नाम से प्रसिद्ध है।
यहां की आदिवासी संस्कृति
दोस्तों अन्य जगहों के लिहाज से यहां सबसे पुरानी जो आदिवासी संस्कृति है देखने को मिलती है, बैगा जनजाति अपने पारंपरिक रूप से संस्कृति को संजोए हुए है, यहां के बैगा जनजाति के लोग आज भी शादी ब्याह और अन्य तीज कर्मों में अपने परम्पराओं को निभाती है।
यहां की अन्य विशेषता -
दोस्तों बैगा जनजाति की खास विशेषता यह है कि ये जनजाति आज भी अपने जीवन यापन करने के लिए वनों और प्रकृति पर निर्भर है, इसे वजह से प्रकृति और वनों को यह जनजाति आज भी सर्वोपरि मानती है।
बैगा जनजाति के युवकों में आज भी लम्बे बाल रखने और चोटी करने का चलन देखा जा सकता है, लेकिन बाहरी वातावरण का प्रभाव पड़ने के कारण बहुतायत में बैगा युवक अब अपना बाल कटा लेते हैं।
महिलाओं में गोदना का प्रचलन
दोस्तों बैगा जनजाति के महिलाओं में आज भी गोदना का प्रचलन देखा जा सकता है, कई महिलाएं पूरे शरीर में गोदना बनवाती हैं। अपने हाथ पैर के साथ साथ महिलाएं अपने माथे पर भी गोदना बनवाती हैं।
अपने आप में अपनी संस्कृति और परम्पराओं को समेटे यह जगह एक अमिट छाप छोड़ता है, लेकिन बाहरी दुनिया के प्रभाव से इसमें बदलाव आया है लेकिन यह बात तो सत्य है कि आदिवासियों को अपनी संस्कृति और परम्पराओं को बचाना बेहतर तरीके से आता है।
जोहार दोस्तों ऐसे ही अन्य जानकारियो के साथ मैं आपके लिए ब्लॉग लाती रहूंगी ।